Somvar vrat katha :सोलह सोमवार पूजा विधि में भोलेनाथ को खुश करने के लिए लगाएं ये खास भोग, जान लें व्रत के नियम और पूजा विधि..
Somvar Vrat Katha
हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव को सभी देवताओं में उच्च स्थान प्राप्त है। कहा जाता है कि भगवान शिव शंकर आसानी से प्रसन्न हो जाने वाले देवता हैं। यदि कोई भक्त श्रद्धा पूर्वक उन्हें केवल एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। . महादेव का प्रिय दिन सोमवार (Somvar) है और ये दिन महादेव की उपासना और व्रत (Somvar Vrat) आदि के लिए सर्वोत्तम कहा जाता है. मान्यता है कि महादेव के व्रत से जहां समस्त सुख और शांति के मनोरथ पूरे होते हैं, वहीं इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा (Maa Parvati) और व्रत करने से अविवाहित कन्याओं को मनवांछित वर की प्राप्ति होती है. कई लड़कियां सावन के सोलह सोमवार (Solah Somwar) का व्रत भी करती हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने करने वाले श्रद्धालुओं को महादेव (Mahadev) उनके व्रत के फल के रूप में सुख समद्धि के साथ उन्हें पारिवारिक सुख का भी आशीर्वाद देते हैं.
FAQs About Somvar Vrat Katha
Q1.सोमवार व्रत के नियम क्या-क्या है?
Ans-सोमवार के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह सबसे पहले उठकर स्नान करना चाहिए इसके बाद शिव जी को जल और बेल पत्र चढ़ाना चाहिए. साथ ही विधि-विधान से शिव-गौरी की पूजा करनी चाहिए.शिव पूजन के बाद सोमवार व्रत कथा सुननी चाहिए. सोमवार के व्रत में एक ही बार भोजन ग्रहण किया जाना चाहिए. आमतौर पर सोमवार का व्रत दिन के तीसरे तक रखा जाता है.इसके अलावा एक और बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग पर कभी भी रोली और सिंदूर का तिलक नहीं लगाना चाहिए। शिव जी की पूजा में चंदन के तिलक का इस्तेमाल करना चाहिए।
Q2.कैसे करें सोमवार को महादेव का पूजन?Somvar pooja vidhi kya Hai?
- हाथ में अक्षत तथा फूल लेकर दोनों हाथ जोड़ लें और भगवान शिव का आह्वान करें।
- हाथ में लिये हुए फूल और अक्षत शिव भगवान को समर्पित करें।
- सबसे पहले भगवान शिव पर जल चढ़ाएं।
- जल के बाद सफेद वस्त्र अर्पित करें।
सफेद चंदन से भगवान को ति लक लगाएं एवं तिलक पर अक्षत लगाएं।- सफेद पुष्प, धतुरा, बेल-पत्र, भांग एवं पुष्पमाला अर्पित करें।
- अष्टगंध, धूप अर्पित कर, दीप दिखायें।
- भगवान को भोग के रूप में ऋतु फल या बेल और नैवेद्य अर्पित करें।
Q4-सोमवार व्रत का महत्व : सोमवार का व्रत रखने से क्या होता है? ( Somvar ka vrat rakhne se kya hota hai? )
Somvar Vrat Aarti | सोमवार व्रत आरती
आरती : जय शिव ओंकारा
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥
* सोमवार व्रत की आरती :
आरती करत जनक कर जोरे।
बड़े भाग्य रामजी घर आए मोरे॥
जीत स्वयंवर धनुष चढ़ाए।
सब भूपन के गर्व मिटाए॥
तोरि पिनाक किए दुइ खंडा।
रघुकुल हर्ष रावण मन शंका॥
आई सिय लिए संग सहेली।
हरषि निरख वरमाला मेली॥
गज मोतियन के चौक पुराए।
कनक कलश भरि मंगल गाए॥
कंचन थार कपूर की बाती।
सुर नर मुनि जन आए बराती॥
फिरत भांवरी बाजा बाजे।
सिया सहित रघुबीर विराजे॥
धनि-धनि राम लखन दोउ भाई।
धनि दशरथ कौशल्या माई॥
राजा दशरथ जनक विदेही।
भरत शत्रुघन परम सनेही॥
मिथिलापुर में बजत बधाई।
दास मुरारी स्वामी आरती गाई॥
व्रत का फल
* जीवन धन-धान्य से भर जाता है। (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
Q4.सोमवार के व्रत में क्या खा सकते हैं?औऱ क्या नहीं ?What To Eat In Monday Fast
- सोमवार के व्रत में नमक का प्रयोग करने की मनाही की जाती है.
- व्रत में अन्न की बजाय कुट्टु या सिंघाड़े के आटे से बनी रोटी पराठा या पूरी खा सकते हैं.
- इस दिन व्रत में सामक के चावल की खीर बनाकर खानी चाहिए.
- इस दिन व्रत में आलू की सब्जी औऱ बिना नमक के दही का उपयोग कर सकते हैं
- इस दिन सेंधा नमक का सेवन करना चाहिए.
- आप फलाहार में ताजे फल, केला, सेब, पपीता आदि का सेवन कर सकते हैं.
- घर के अन्य सदस्यों को भी शाकाहारी भोजन करना चाहिए और तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए.
Q5.-शिव जी की पूजा में न करें ये गलतियां
शिव जी की पूजा में अभिषेक के समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दूध से अभिषेक करने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल न करें। कहा जाता है कि तांबे के पात्र में दूध डालने से दूध संक्रमित होता हो जाता है और चढ़ाने योग्य नहीं रह जाता।प्रति सोमवार व्रत विधि ( Somvar Vrat ki Puja Vidhi )
2. स्नान के बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
3. फिर उन्हें बेलपत्र, पुष्प, फल आदि अर्पित करें।
4. घी का दीपक और धूप जलाएं और व्रत का संकल्प लें।
5. सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
सोलह सोमवार व्रत कथा विस्तार से-
एक दिन राजकुमारी ने ब्राह्मण से पूछा आपने ऐसा क्या पुण्य किया जो हथिनी ने दूसरे सभी राजकुमारों को छोड़कर आपके गले में वरमाला डाली। उसने कहा, प्रिये मैंने अपने मित्र कार्तिकेय के कहने पर सोलह सोमवार व्रत किये थे उसी के परिणामस्वरूप तुम लक्ष्मी जैसी दुल्हन मुझे मिली। राजकुमारी यह सुनकर बहुत प्रभावित हुई और उसने भी पुत्र प्राप्ति के लिए सोलह सोमवार व्रत रखा। फलस्वरूप उसके एक सुंदर पुत्र का जन्म हुआ और जब पुत्र बड़ा हुआ तो पुत्र ने पूछा माँ आपने ऐसा क्या किया जो आपको मेरे जैसा पुत्र मिला, उसने भी पुत्र को सोलह सोमवार व्रत की महिमा बतायी।
यह सुनकर उसने भी राजपाट की इच्छा के लिए ये व्रत रखा। उसी समय एक राजा अपनी पुत्री के विवाह के लिए वर तलाश कर रहा था तो लोगों ने उस बालक को विवाह के लिए उचित बताया। राजा को इसकी सूचना मिलते ही उसने अपनी पुत्री का विवाह उस बालक के साथ कर दिया। कुछ सालों बाद जब राजा की मृत्यु हुयी तो वो राजा बन गया क्योंकि उस राजा के कोई पुत्र नही था। राजपाट मिलने के बाद भी वो सोमवार व्रत करता रहा। एक दिन 17 वें सोमवार व्रत पर उसकी पत्नी को भी पूजा के लिए शिव मंदिर आने को कहा लेकिन उसने खुद आने के बजाय दासी को भेज दिया। ब्राह्मण पुत्र के पूजा खत्म होने के बाद आकाशवाणी हुई तुम अपनी पत्नी को अपने महल से दूर रखो, वरना तुम्हारा विनाश हो जाएगा। ब्राह्मण पुत्र ये सुनकर बहुत आश्चर्यचकित हुआ।
महल वापस लौटने पर उसने अपने दरबारियों को भी ये बात बताई तो दरबारियों ने कहा कि जिसकी वजह से ही उसे राजपाट मिला है वो उसी को महल से बाहर निकालेगा। लेकिन उस ब्राह्मण पुत्र ने उसे महल से बाहर निकल दिया। वो राजकुमारी भूखी प्यासी एक अनजान नगर में आयी। वहां पर एक बुढ़ी औरत धागा बेचने बाजार जा रही थी। जैसे ही उसने राजकुमारी को देखा तो उसने उसकी मदद करते हुए उसके साथ व्यापार में मदद करने को कहा। राजकुमारी ने भी एक टोकरी अपने सर पर रख ली। कुछ दूरी पर चलने के बाद एक तूफान आया और वो टोकरी उड़कर चली गई अब वो बूढ़ी औरत रोने लग गई और उसने राजकुमारी को मनहूस मानते हुए चले जाने को कहा।
उसके बाद वो एक तेली के घर पहुंची उसके वहा पहुंचते ही सारे तेल के घड़े फूट गए और तेल बहने लग गया। उस तेली ने भी उसे मनहूस मानकर उसको वहा से भगा दिया। उसके बाद वो एक सुंदर तालाब के पास पहुंची और जैसे ही पानी पीने लगी उस पानी में कीड़े चलने लगे और सारा पानी धुंधला हो गया। अपने दुर्भाग्य को कोसते हुए उसने गंदा पानी पी लिया और पेड़ के नीचे सो गई जैसे ही वो पेड़ के नीचे सोयी उस पेड़ की सारी पत्तियां झड़ गईं। अब वो जिस पेड़ के पास जाती उसकी पत्तियां गिर जाती थीं।
ऐसा देखकर वहां के लोग मंदिर के पुजारी के पास गए। उस पुजारी ने उस राजकुमारी का दर्द समझते हुए उससे कहा - बेटी तुम मेरे परिवार के साथ रहो, मैं तुम्हे अपनी बेटी की तरह रखूंगा, तुम्हे मेरे आश्रम में कोई तकलीफ नहीं होगी। इस तरह वह आश्रम में रहने लग गई अब वो जो भी खाना बनाती या पानी लाती उसमे कीड़े पड़ जाते। ऐसा देखकर वो पुजारी आश्चर्यचकित होकर उससे बोला बेटी तुम पर ये कैसा कोप है जो तुम्हारी ऐसी हालत है। उसने वही शिवपूजा में ना जाने वाली कहानी सुनाई। उस पुजारी ने शिवजी की आराधना की और उसको सोलह सोमवार व्रत करने को कहा जिससे उसे जरूर राहत मिलेगी।
उसने सोलह सोमवार व्रत किया और 17 वें सोमवार पर ब्राह्मण पुत्र उसके बारे में सोचने लगा, वह कहाँ होगी, मुझे उसकी तलाश करनी चाहिये। इसलिए उसने अपने आदमी भेजकर अपनी पत्नी को ढूंढ़ने को कहा उसके आदमी ढूंढ़ते ढूंढ़ते उस पुजारी के घर पहुंच गए और उन्हें वहा राजकुमारी का पता चल गया। उन्होंने पुजारी से राजकुमारी को घर ले जाने को कहा लेकिन पुजारी ने मना करते हुए कहा अपने राजा को कहो कि खुद आकर इसे ले जाएं।
राजा खुद वहां पर आया और राजकुमारी को वापस अपने महल लेकर आया। इस तरह जो भी यह सोलह सोमवार व्रत करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Comments
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.